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Showing posts from February, 2018

मृत्युभोज --- से ऊर्जा नष्ट होती है

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मृत्युभोज --- से ऊर्जा नष्ट होती है  महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है कि ..... मृत्युभोज खाने वाले की ऊर्जा नष्ट हो जाती है।  जिस परिवार में मृत्यु जैसी विपदा आई हो उसके साथ इस संकट की घड़ी में जरूर खडे़ हों  और तन, मन, धन से सहयोग करें  लेकिन......बारहवीं या तेरहवीं पर मृतक भोज का पुरजोर बहिष्कार करें।  महाभारत का युद्ध होने को था, अतः श्री कृष्ण ने दुर्योधन के घर जा कर युद्ध न करने के लिए संधि करने का आग्रह किया ।  दुर्योधन द्वारा आग्रह ठुकराए जाने पर श्री कृष्ण को कष्ट हुआ और वह चल पड़े, तो दुर्योधन द्वारा श्री कृष्ण से भोजन करने के आग्रह पर कृष्ण ने कहा कि 🍁 ’’सम्प्रीति भोज्यानि आपदा भोज्यानि वा पुनैः’’ अर्थात् "जब खिलाने वाले का मन प्रसन्न हो, खाने वाले का मन प्रसन्न हो, तभी भोजन करना चाहिए। 🍁 लेकिन जब खिलाने वाले एवं खाने वालों के दिल में दर्द हो, वेदना हो, तो ऐसी स्थिति में कदापि भोजन नहीं करना चाहिए।" 🍁 हिन्दू धर्म में मुख्य 16 संस्कार बनाए गए है, जिसमें प्रथम संस्कार गर्भाधान एवं अन्तिम तथा 16वाँ संस्कार अन्त्येष...

शास्त्र अनुकूल भक्ति करने से ही मोक्ष संभव-- संत रामपाल जी महाराज

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सतलोक आश्रम न्यूज, देवास शास्त्र अनुकूल भक्ति करने से ही मोक्ष संभव-- संत रामपाल जी महाराज गीता अध्याय 16 श्लोक नंबर 23 के अनुसार शास्त्र विधि को त्याग कर जो पुरुष मन माना आचरण करता है, ना ही उसको गति होती है, ना ही सुख होता है, ना ही मोक्ष होता है। इन्हीं सभी बातों का प्रमाण सहित जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने विस्तार से सत्संग सुनाया जिसे सुनकर देवास जिले की हर श्रद्धालु आत्मा आत्मविभोर हो गई और गदगद हो उठी और संत रामपाल जी महाराज ने जो सच्चाई बताई, उसको सुनकर प्रमाण सहित देखकर भौंचक्की रह गई और कहा जो सत्य संत रामपाल जी महाराज ने बताया है वह तो आज तक किसी भी संत ने नहीं बताया..... ⚛सभी भक्त इस पोस्ट को Like👍,शेयर व कमेंट करें जी। 👇👇👇👇 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1714166935307504&id=912295662161306