वेद पढ़े भेद ना जाने ,बांचे पुराण अठारहा ।
पत्थर की पूजा करे जग मे ,भूले सिरजनहारा ।।
कबीर ही वह सिरजनहार अर्थार्त पूर्ण परमात्मा हैं जिनका प्रमाण वेद,गीता,बाईबल,गुरुग्रंथ साहेब व कुर्आन-शरीफ़ भी यही गवाही दे रहे हैं कि "कबीर ही भगवान है जो सबके पूजा के योग्य हैं।
*सबका मालिक एक*
देवास जिले की रमेंणिया
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सन्त रामपाल जी महाराज के ज्ञानानुसार राजपूत समाज मे एक बहुत अच्छी पहल दहेज मुक्त विवाह किया गया
सन्त रामपाल जी महाराज के ज्ञानानुसार सेंधव समाज मे एक बहुत अच्छी पहल दहेज मुक्त विवाह किया गया
बंदी छोड़ कबीर साहेब जी की जय हो बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो बंदी छोड़ कबीर साहेब जी की जय हो बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो देवास जिले की भगत टोली को जानकर बहुत ही प्रसन्नता होगी कि हमारे देवास जिले में भगत मिलन समारोह एवं सोशल मीडिया की मीटिंग 📱💻📲 आयोजित कि जा रही है इस भगत मिलन समारोह में सोशल मीडिया की मीटिंग भी रहेगी मालिक का आदेश आया है कि सभी भक्तों को सोशल मीडिया से जोड़ें व खूब सेवा करे सोशल मीडिया पर इस लिए सभी भक्तों की ट्विटर 🐦की Facebook की WhatsApp की नई ID बनाई जाएगी व सेवा की बारीकी भी सिखाई जाएगी इसलिए अपने देवास में सभी भक्तों की सुविधा के हिसाब से हाटपिपलिया में यह भगत मिलन समारोह रहेगा भगत मिलन समारोह में भंडारे की व्यवस्था नहीं रहेगी केवल चाय बिस्किट की व्यवस्था रहेगी पोहे की व्यवस्था भी नहीं रहेगी इसलिए सभी भगत अपने साथ खुद का एक समय का भंडारा साथ लाए मालिक का आदेश आया है की किसी भी आयोजन में भंडारे वह पोहे की व्यवस्था नहीं करना है इसलिए इस भगत मिलन समारोह में केवल चाय बिस्किट की ही व्यवस्था रहेगी ...
मृत्युभोज --- से ऊर्जा नष्ट होती है महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है कि ..... मृत्युभोज खाने वाले की ऊर्जा नष्ट हो जाती है। जिस परिवार में मृत्यु जैसी विपदा आई हो उसके साथ इस संकट की घड़ी में जरूर खडे़ हों और तन, मन, धन से सहयोग करें लेकिन......बारहवीं या तेरहवीं पर मृतक भोज का पुरजोर बहिष्कार करें। महाभारत का युद्ध होने को था, अतः श्री कृष्ण ने दुर्योधन के घर जा कर युद्ध न करने के लिए संधि करने का आग्रह किया । दुर्योधन द्वारा आग्रह ठुकराए जाने पर श्री कृष्ण को कष्ट हुआ और वह चल पड़े, तो दुर्योधन द्वारा श्री कृष्ण से भोजन करने के आग्रह पर कृष्ण ने कहा कि 🍁 ’’सम्प्रीति भोज्यानि आपदा भोज्यानि वा पुनैः’’ अर्थात् "जब खिलाने वाले का मन प्रसन्न हो, खाने वाले का मन प्रसन्न हो, तभी भोजन करना चाहिए। 🍁 लेकिन जब खिलाने वाले एवं खाने वालों के दिल में दर्द हो, वेदना हो, तो ऐसी स्थिति में कदापि भोजन नहीं करना चाहिए।" 🍁 हिन्दू धर्म में मुख्य 16 संस्कार बनाए गए है, जिसमें प्रथम संस्कार गर्भाधान एवं अन्तिम तथा 16वाँ संस्कार अन्त्येष...
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